पिछले साल 2017 में बहुत सारे साइबर अटैक हुए थे जिसमें सबसे ज़्यादा नुकसान करने वाला अटैक था WannaCry रैनसमवेयर अटैक जिसने लगभग 90 देशों के 1 लाख से ज़्यादा कंप्यूटर्स का डेटा एन्क्रिप्ट कर दिया था। लेकिन इस साल की शुरुआत में ही हमें काफी साइबर अटैक का सामना करना पड़ रहा है जिसमें सबसे ज़्यादा अटैक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हो रहे हैं कहीं डिजिटल करेंसी, जैसे बिटकॉइन वगैरह की चोरी की जा रही है तो कहीं इन डिजिटल करेंसी के लिए हमारे कंप्यूटर की CPU पावर को चोरी किया जा रहा है।
जब से क्रिप्टोकरेंसी के दाम बढ़े हैं तब से क्रिप्टो करेंसी को हैक करना, गलत तरीके से माइन करना साइबर क्रिमिनल्स के लिए बहुत फायदे का सौदा साबित हो रहा है। पिछले दिनों में कई सारी वेबसाइट्स को रिपोर्ट किया गया है कि वो क्रिप्टो करेंसी माइनिंग जावास्क्रिप्ट के ज़रिए अपने यूज़र्स के कंप्यूटर की पावर का उपयोग करके मोनेरो (Monero) नामक करेंसी को माइन कर रही हैं।
अभी हाल ही में बहुत सारी साइबर सुरक्षा कंपनियों ने रिपोर्ट किया है कि एक नया वायरस (Malware) बहुत तेज़ी से फैल रहा है जो विंडोज कंप्यूटर को हैक करके उसकी CPU पावर से Monero को माइन कर रहा है और उसने अब तक लगभग 5 लाख से ज़्यादा कंप्यूटर्स को अपना शिकार बना लिया है।
विंडोज कंप्यूटर को हैक करने के लिए हैकर्स विंडोज की एक ख़ामी (Vulnerability) का फायदा उठा रहे हैं जिसका नाम है EternalBlue यह एक NSA Exploit है जिसे Shadow Brokers नामक हैकर्स ग्रुप ने लीक कर दिया था और इसी ख़ामी की वजह से WannaCry रैनसमवेयर अटैक को अंजाम दिया गया था।
हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने इस ख़ामी के लिए पैच उपलब्ध करा दिया है लेकिन फिर भी बहुत सारे कंप्यूटर्स ऐसे हैं जो अभी भी इसी ख़ामी के साथ चल रहे हैं।