रूसी वैज्ञानिक परमाणु शक्ति वाले कंप्यूटर्स से कर रहे थे बिटकॉइन माइन, गिरफ्तार

क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, मोनरो को माइन करने के लिए लोग पागल हो रहे हैं उन्हें इससे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा वो जो कर रहे हैं वो सही है या गलत। हद तो तब हो गयी जब रूस के कुछ वैज्ञानिक परमाणु हथियारों की सुविधा वाले सुपर कंप्यूटर्स से बिटकॉइन माइन करने लगे।
सभी वैज्ञानिक रूस के परमाणु सेंटर में काम करते हैं जहां परमाणु हथियार बनाने का काम होता है। यहीं पर इस्तेमाल होने वाले सुपर कंप्यूटर्स का इस्तेमाल करके बिटकॉइन की माइनिंग कर रहे थे। जिन कंप्यूटर्स का उन्होंने इस्तेमाल किया है वो रूस के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर्स हैं।
सभी वैज्ञानिक रूस के परमाणु सेंटर में काम करते हैं जहां परमाणु हथियार बनाने का काम होता है। यहीं पर इस्तेमाल होने वाले सुपर कंप्यूटर्स का इस्तेमाल करके बिटकॉइन की माइनिंग कर रहे थे। जिन कंप्यूटर्स का उन्होंने इस्तेमाल किया है वो रूस के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर्स हैं।
यह सेंटर रूस के सरोव में स्थित है और यह सबसे ज़्यादा प्रतिबंधित क्षेत्र है यहीं पर सोवियत संघ का सबसे पहला परमाणु बम बनाया गया था। 2011 में इस सेंटर में एक सुपरकंप्यूटर को लगाया गया था जिसकी क्षमता 1 पेटाफ्लॉप (PetaFlop) थी और ये उस वक़्त दुनिया भर में मौजूद कंप्यूटर्स में 12वाँ सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर था।
रूसी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिक उसी उसी कंप्यूटर का इस्तेमाल बिटकॉइन को माइन करने के लिए कर रहे थे। फिलहाल सभी वैज्ञानिक इस वक़्त पुलिस की हिरासत में हैं और उन पर कार्यवाही चल रही है।
कुछ दिन पहले Supervisory control and data acquisition(SCADA) के सिस्टम में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग मैलवेयर मिला था। SCADA एक कंट्रोल सिस्टम है जो कम्युनिकेशन, वाटर सप्लाई जैसी बहुत सारी सुविधाओं पर अपना नियंत्रण बनाये रखता है। हैकर्स इसे भी हैक करके इससे मोनेरो माइन कर रहे थे।
कुछ दिन पहले Supervisory control and data acquisition(SCADA) के सिस्टम में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग मैलवेयर मिला था। SCADA एक कंट्रोल सिस्टम है जो कम्युनिकेशन, वाटर सप्लाई जैसी बहुत सारी सुविधाओं पर अपना नियंत्रण बनाये रखता है। हैकर्स इसे भी हैक करके इससे मोनेरो माइन कर रहे थे।
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